विद्यार्थी उपलब्धियाँ
अनुसंधान सारांश: येशिका, कक्षा 10, केंद्रीय विद्यालय एन.एच.पी.सी. उड़ी
मुख्य विषय: स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिक तंत्र की समझ
उप-विषय: पारिस्थितिक तंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाएँ
विषय: कीट प्रबंधन में रासायनिक रहित खेती: एक खोज और परिणाम
समस्या का विवरण:
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अनियमित और अत्यधिक उपयोग से हमारे प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण असंतुलन पैदा हो गया है, जिसके कारण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
प्रस्तावित समाधान:
एक स्थायी विकल्प की तलाश में, हमने कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन किया और Urtica dioica नामक एक शाकीय बारहमासी फूल वाले पौधे की खोज की। इस पौधे, जिसे आमतौर पर बिच्छू बूटी के नाम से जाना जाता है, में पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। हमारे अनुसंधान से पता चला है कि Urtica dioica को प्राकृतिक उर्वरक, कीटनाशक, माइटनाशक और फफूंदनाशक के रूप में प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। इसके उपयोग से पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के साथ-साथ रासायनिक मुक्त खेती की स्वस्थ प्रथाओं को प्रोत्साहित करने की संभावना है।
येशिका का यह अनुसंधान न केवल पर्यावरण-अनुकूल कीट प्रबंधन के लिए एक व्यवहार्य समाधान को उजागर करता है, बल्कि टिकाऊ कृषि के लिए पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के एकीकरण के महत्व को भी रेखांकित करता है।